रायसेन स्थित शराब बनाने वाली सोम फेक्ट्री में स्कूल बस से ले जाया जाता था काम करवाने नाबालिकों को, कई बच्चो के हाथ की चमड़ी गली, मामूली मजदूरी में 12 से 14 घंटे करवाया जाता था काम
भोपाल - बीते दिनों एनसीपीसीआर, बचपन बचाओ आंदोलन, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन और विदिशा सोशल वेलफेयर ऑर्गनाजेशन की संयुक्त टीम ने रायसेन जिले के सेहतगंज स्थित सोम फैक्ट्री पर छापामार कार्यवाही की। कार्यवाही के दौरान फेक्ट्री में 20 लडकिया और 39 लड़को को बाल मजबूरी करते रेस्क्यू किया गया।
बच्चो से शराब फैक्ट्री में शराब बनवाई जा रही थी। कई बच्चो के हाथ की चमड़ी गल चुकी थी। इन बच्चो से मामूली मजदूरी देकर 12 से 14 घंटे तक काम करवाया जा रहा था। कार्यवाही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो मौजूद रहे। नर्मदापुरम के सचिंद्र चौरे भी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम के साथ मिलकर इस कार्यवाही में शामिल हुए।
उन्होंने बताया की इतनी बड़ी फैक्ट्री पर छापामार कार्यवाही करना इतना आसान नहीं था। लेकिन बच्चो की सुरक्षा और अधिकार के लिए बचपन बचाओ और विदिशा सोशल वेलफेयर ऑर्गनाजेशन की टीम ने एनसीपीसीआर के मार्गदर्शन में इस रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया। इसके अलावा मंडीदीप के 4 फैक्ट्री में भी छापामार कार्यवाही की गई और वहा से भी 35 बच्चो को रेस्क्यू किया गया।
उन्होंने बताया कि स्कूल बस में बैठाकर इन बच्चों को रायसेन स्थित सोम फैक्ट्री ले जाया जाता था और इनसे शराब बनवाई जाती थी। ज़िला प्रभारी सचिंद्र चौरे ने बताया की नर्मदापुरम जिले में भी बाल श्रम करतें हुए यदि बच्चे पाए जायेगे तो उन पर भी इसी तरह की सक्त कार्यवाही की जाएगी।
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